हरियाली फिर आएगी
इश्क की जंग में
हारे हुए,
जल कर
ठन्डे पड़ गए,
दिल की
सख्त सतह पर
दोस्ती की
मुसलाधार
बारिश हुई
बूंदों की
निर्मम चोटों से
फिर जुती,
रोपी
और सींची गयी
इस धरती पर
लगता है
'हरियाली फिर आएगी...'
- प्रांशु पाठक